बिश्बास है तो ज़हर भी अमरत हो जाता है । अग्नि भी जलाती नहीं है और मरा हुआ भी जी उठ जाता है ।मालिक पर जो बिलकुल आषरित हो जाता है और आप से अगाध प्रेम करता है दाता उसके लिये अपने नियम भी बदल देते है।
मालिक पर बिश्बास आौर प्रेम करने बाले की पहचान - समदरषटि शीतल , अपार घीरज ,बोली में समरपन ब यह तक कहा -
यह सारी सरषटि मालिक के प्रेम से बनी है ब आपके प्रेम का पोषण प्राप्त कर रही है हम आपके इस अपार प्रेम का सोपान करें हम देखेंगे की हमको हमारी मृत्यु भी आपका प्रेम प्रसाद है ।
मालिक पर बिश्बास आौर प्रेम करने बाले की पहचान - समदरषटि शीतल , अपार घीरज ,बोली में समरपन ब यह तक कहा -
यह सारी सरषटि मालिक के प्रेम से बनी है ब आपके प्रेम का पोषण प्राप्त कर रही है हम आपके इस अपार प्रेम का सोपान करें हम देखेंगे की हमको हमारी मृत्यु भी आपका प्रेम प्रसाद है ।