यह संसार शंकाओं से भरा हुआ है

अहु मेट कै भगत करैला सो सत सेती प्रेम घरैला‬: अहम ही हमारे अंदर की सारी बुराइयों की जड़ है । हमारा अहम हमें भगत मार्ग  पर आगे बढने से रोकता है । अपने अंदर से इसे निकाल कर देखें, हम स्वयं को कितना हल्का महसूस करने लगेंगे और मालिक तक पहुँचने का मार्ग कितना सुगम दिखाई पड़ने लगेगा ।

सतनाम

।।गुरू महारे दिया दुनी मे हेला ।।

यह संसार शंकाओं से भरा हुआ है ।
इन्सान पूरा जीबन अपनी तारीफ़ की चाह मे निकाल देता है पर तारीफ़ उसको मरने के बाद मिलती है ....

जो महापुरुष हुये उनके ज़िन्दा पर ज़हर दिया जाता है सूली पर लटकाया जाता है  गोली मार दी जाती है.......
और बाद मे उन महापुरुष की पूजा करने लगते है ..

यह संसार सब सपना है ...  और हम अहंकार की नींद मे सो जाते है। इसमे जो जग गया मालिक की दया से बही इसके कष्ट से बच पायगे ..
मालिक का हेला इस संसार मे प्रत्येक पल हो रहा है अपने बनाए हुए बन्दों के लिये शब्द के रूप मे ...
जो साध उस शबद से लग जायगा मालिक उसकी चेतना को जागरत कर देगे ।

।।चेतन कर चौरासी मेटी
गुरू म्हारे लाए गत का गैला ।।
सतनाम