सबसे बुरा नशा है मन का

सबसे बुरा नशा है मन का!!

साहिब कह रहे हैं कि पूरी दुनिया नशे में है|  किसी को 'क्रोध' का नशा है, किसी को 'लोभ' का नशा है, किसी को 'मोह' का नशा है, किसी को 'अहंकार' का नशा है, किसी को 'धन' का नशा है, किसी को 'शिक्षा' का नशा है, किसी को 'सुंदरता' का नशा है, इत्यादि| व्यक्ति खुद नहीं जानता है कि उसमें यह 'नशा' आया कहाँ से? यह पूरा नशा एक ही का है - 'मन' का| जब तक व्यक्ति 'मन' के नशे में है तब तक इसे किसी भी दृष्टि से 'बुद्धिमान' नहीं माना जा सकता है|

    🌹सतनाम🌹