एक वादक रोज जंगल में जाकर एक तालाब के किनारे बैठ कर ढोलक बजाया करता था

माँ
एक वादक रोज जंगल में जाकर एक तालाब के किनारे बैठ कर ढोलक बजाया करता था । जब ओ ढोलक बजाता तब एक बकरी का बच्चा वंहा आकर बैठ जाता और बड़े प्यार से ढोलक सुनता था । एक दिन वादक ने पूछा तुम्हे क्या अच्छा लगता है ।मेरी ढोलक की धुन या मेरी बजाने की कला तब वह बकरी का बच्चा बोला मुझे न तो तुम्हारे बजाने की कला पसंद है न ही ढोलक की धुन । पर तुम्हारी ढोलक में जो चमड़ा लगा है ओ मेरी माँ का है । तुम जब भी ढोलक  बजाते हो मुझे लगता है माँ बुला रही है । और  में यंहा आ जाता हूँ