एक व्यक्ति ने ओशो से पूछा मैं आत्महत्या करना चाहता हूँ

एक व्यक्ति ने ओशो  से पूछा मैं आत्महत्या करना चाहता हूँ
.सुनिए ओशो का जबाब।
तो पहले संन्यास ले लो . और तुम्हे आत्महत्या करने की ज़रुरत नहीं पड़ेगी , क्योंकि संन्यास लेने से बढ़ कर कोई आत्महत्या नही है . और किसी को आत्महत्या क्यों करनी चाहिए ? मौत तो खुद बखुद आ रही है —तुम इतनी जल्दबाजी में क्यों हो ? मौत आएगी , वो हमेशा आती है . तुम्हारे ना चाहते हुए भी वो आती है . तुम्हे उसे जाकर मिलने की ज़रुरत नहीं है , वो अपने आप आ जाती है .पर तुम अपने जीवन को बुरी तरह से miss करोगे . तुम क्रोध , या चिंता की वजह से suicide करना चाहते हो . मैं तुम्हे real suicide सिखाऊंगा . एक सन्यासी बन जाओ .
और ordinary suicide करने से कुछ ख़ास नहीं होने वाला है . , आप तुरंत ही किसी और कोख में कहीं और पैदा हो जाओगे . कुछ बेवकूफ लोग कहीं प्यार कर रहे होंगे , याद रखो ..तुम फिर फंस जाओगे .. तुम इतनी आसानी से नहीं निकल सकते —बौहुत सारे बेवकूफ हैं . इस शरीर से निकलने से पहले तुम किसी और जाल में फंस जाओगे . और एक बार फिर तुम्हे school., college , university जाना पड़ेगा – जरा उसके बारे में सोचो . उन सभी कष्ट भरे अनुभवों के बारे में सोचो — वो तुम्हे suicide करने से रोकेगा .
तुम जानते हो , Indians इतनी आसानी से suicide नहीं करते , क्योंकि वो जानते हैं कि वो फिर पैदा हो जायेंगे , West में suicide और suicidal ideas exist करते हैं ; बहुत लोग suicide करते हैं , और psychoanalyst कहते हैं कि बहुत कम लोग होते हैं जो ऐसा करने का नहीं सोचते हैं . दरअसल एक आदमी ने investigate कर के कुछ data इकठ्ठा किया था , और उसका कहना है कि – हर एक व्यक्ति अपने जीवन में कम से कम 4 बार suicide करने को सोचता है . पर ये West की बात है , East में , चूँकि लोग पुनर्जन्म के बारे में जानते हैं इसलिए कोई suicide नहीं करना चाहता है – फायदा क्या है ? तुम एक दरवाज़े से निकलते हो और किसी और दरवाजे से फिर अन्दर आ जाते हो . तुम इतनी आसानी से नहीं जा सकते .
मैं तुम्हे असली आत्महत्या करना सिखाऊंगा , तुम हमेशा के लिए जा सकते हो . इसी का मतलब है बुद्ध बनना – हमेशा के लिए चले जाना .
तुम suicide क्यों करना चाहते हो ? शायद तुम जैसा चाहते थे life वैसी नहीं चल रही है ? पर तुम ज़िन्दगी पर अपना तरीका , अपनी इच्छा थोपने वाले होते कौन हो ? हो सकता है तुम्हारी इच्छाएं पूरी ना हुई हों ? तो खुद को क्यों ख़तम करते हो अपनी इच्छाओं को ख़तम करो .हो सकता है तुम्हारी expectations पूरी ना हुई हों , और तुम frustrated feel कर रहे हो . जब इंसान frustration में होता है तो वो destroy करना चाहता है . और तब केवल दो संभावनाएं होती हैं —या तो किसी और को मारो या खुद को . किसी और को मारना खतरनाक है , इसलिए लोग खुद को मारने का सोचने लगते हैं . लेकिन ये भी तो एक murder है !! तो क्यों ना ज़िन्दगी को ख़तम करने की बजाये उसे बदल दें !!!